कक्षा 10 भूगोल – अध्याय 3: मृदा संसाधन | हिंदी नोट्स, प्रश्न उत्तर सहित
🌾 कक्षा 10 भूगोल – अध्याय 3
मृदा संसाधन (Soil Resources)
📚 मुख्य विषय:
- मृदा की परिभाषा
- भारत में मृदा के प्रकार
- मृदा की विशेषताएँ
- मृदा अपरदन
- मृदा संरक्षण के उपाय
🧾 परिभाषा:
- मृदा: पृथ्वी की ऊपरी सतह की वह पतली परत जो वनस्पति उगाने के लिए उपयुक्त हो।
🌍 भारत में मृदा के प्रकार:
- जलोढ़ मृदा: सबसे उपजाऊ, गंगा और ब्रह्मपुत्र के मैदानों में पाई जाती है।
- काली मृदा: कपास के लिए उपयुक्त, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश में पाई जाती है।
- लाल मृदा: लोहे की अधिकता के कारण लाल रंग, दक्षिण भारत में प्रमुख।
- लेटराइट मृदा: वर्षा वाले क्षेत्रों में, कम उपजाऊ।
- पर्वतीय मृदा: पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है, कम उपजाऊ।
- रेगिस्तानी मृदा: राजस्थान, थार में पाई जाती है, जल की कमी।
🚫 मृदा अपरदन:
- जल और वायु द्वारा मृदा का हट जाना।
- कारण: वनों की कटाई, अधिक चराई, खेती के गलत तरीके
🛠️ मृदा संरक्षण उपाय:
- कंटूर हल चलाना
- टेरेस खेती
- वनरोपण (वृक्षारोपण)
- बाधें और चेक डैम
❓ महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर:
- प्रश्न: भारत में कितने प्रकार की मृदा पाई जाती है?
उत्तर: मुख्यतः 6 प्रकार की – जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट, पर्वतीय और रेगिस्तानी। - प्रश्न: मृदा अपरदन के दो कारण बताइए।
उत्तर: वनों की कटाई और अधिक चराई। - प्रश्न: मृदा संरक्षण के दो उपाय बताइए।
उत्तर: टेरेस खेती और वृक्षारोपण। - प्रश्न: जलोढ़ मृदा कहाँ पाई जाती है?
उत्तर: गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में।
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